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________________ भगवान् महावीर की जन्मभूमि 'कुण्डलपुर' या 'कुण्डपुर' (तथ्य और सत्य) नाथूलाल जैन शास्त्री वर्तमान में जैन विद्वत्परम्परा के सर्वश्रेष्ठ, सर्वाधिक प्रतिष्ठित एवं सर्वाधिक वयोवृद्ध मनीषी-प्रवर पं. नाथूलाल जी संहितासूरि हैं। उनकी पुण्य-लेखनी से प्रसूत यह आलेख अपने आप में दो टूक शब्दों में विदेह-कुण्डपुर' को भगवान् महावीर की जन्मभूमि घोषित करता है। जिन्हें जैन-विद्वत्परम्परा पर आस्था है, उन्हें इस आलेख को पढ़ने के बाद संभवत: भ्रम का कोई अवकाश नहीं रह जायेगा। समाज को निभ्रान्तरूप से दिशाबोध देने के लिये ही ऐसी वरिष्ठतम विद्वान् का आलेख यहाँ सादर प्रस्तुत किया जा रहा है। --सम्पादक भगवान् महावीर का जन्मस्थान 'विदेह देश' में स्थित था। उसके 'कुण्डलपुर' या 'कुण्डपुर' दोनों नाम प्रसिद्ध थे। विदेह' हिमालय और गंगा के मध्य था। दूसरी सीमा पूर्व में 'कोसी' पश्चिम में 'गंडकी' उत्तर में हिमालय' और दक्षिण में 'गंगा' थी। प्राचीन साहित्य के अनुसार दक्षिण-पूर्व में वैशाली' और उत्तर-पूर्व में 'कुण्डलपूर' या 'कुण्डपुर' स्थित था। पश्चिम में वाणिज्य ग्राम था। वैशाली और कुण्डलपुर या कुण्डपुर पास ही अवस्थित थे। दोनों पृथक्-पृथक् और स्वाधीन-स्वतंत्र नगर थे, जो गंडकी नदी के पूर्वी तट पर थे। भगवान् महावीर के दीक्षित होकर बाहर विहार कर जाने से 'कुण्डपुर' पूर्ववत् नहीं रहा। चौथी शताब्दी के आचार्य यतिवृषभ तिलोयपण्णत्ती' ग्रन्थ, पृष्ठ 549 पर लिखते हैं सिद्धत्थराय पियकारिणी हि णयरम्भि कुंडले वीरो। उत्तर फागुणि दिवसे चितसिया तेरसीए उप्यण्णो।। अर्थात् भगवान् महावीर कुण्डलपुर में पिता सिद्धार्थ और माता प्रियकारिणी से चैत्र शुक्ला त्रयोदशी को उत्तरफाल्गुनी नक्षत्र में उत्पन्न हुए। 'षट्खण्डागम धवला' (9वीं शताब्दी के चतुर्थ खण्ड पृष्ठ 121) में कुण्डलपुर जन्मस्थान और उसी ग्रंथ के भाग 9, 4-1-44 में कुण्डपुर लिखा है। 00 54 प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003216
Book TitlePrakrit Vidya 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2001
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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