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________________ 3. श्री चिमनलाल जे. शाह, जैनिज्म इन नॉर्थ इण्डिया (800 बी.सी.से. 526 एडी.) ..लौंगमेन्स ग्रीन एण्ड कम्पनी, 1932, पृ. 23-24। 4. बाबू कामता प्रसाद जैन, 'वैशाली' शीर्षक लेख, जैन सिद्धांत भास्कर, वर्ष 3, 1936, पृ. 48-52। . 5. जे.एल. जैनी, आउट लाइन्स ऑफ जैनिज्म, कैम्ब्रिज, 1916, रिप्रिन्ट 1940, पृ. 27। 6. पं. कल्याणविजय गणि, श्रमण भगवान् महावीर, शास्त्र संग्रह समिति, जालोर, 1941 प्रस्तावना, पृ. 25-28। 7. पं. के. भुजबली शास्त्री, 'भगवान् महावीर की जन्मभूमि' शीर्षक निबन्ध, जैन सिद्धांत भास्कर, 10/2, सन् 1943, पृ. 60-661 8. विजेन्द्र सूरि, वैशाली (प्रथम एवं द्वितीय संस्करण) सन् 1946, 1957, तीर्थकर महावीर, भाग-1, बम्बई, 1960, वैशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 160-168 एवं 264 । 9. डॉ. जगदीशचन्द्र जैन, लाईफ इन एन्शिएण्ट इण्डिया एज डिपिक्टेड इन द जैन कैनन्स, बम्बई, 1947, पृ. 297 । 10. पं. सुखलाल संघवी, अध्यक्षीय भाषण, नवम् वैशाली महोत्सव 28 मार्च 1953, वैशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 84-94 । 11. डॉ. नेमिचन्द्र शास्त्री, ब्र. चन्दाबाई अभिनन्दन ग्रन्थ, आरा 1954, पृ. 626 । 12. श्री बी.सी. जैन, वही, पृ. 688। 13. डॉ. हीरालाल, वैशाली अभिनन्दन ग्रन्थ, पृ. 97-98, प्राकृत जैनशास्त्र और अहिंसा शोध संस्थान वैशाली का कैलेण्डर, सन् 1961, सन् 1992 तथा वीरजिणिंद चरिउ की प्रस्तावना। 14. आचार्य श्री हस्तिमल्ल जी महाराज, जैनधर्म का मौलिक इतिहास, पृ. 556 (उद्धृत शोधादर्श-44, पृ. 59)। 15. राष्ट्रसंत आचार्य श्री विद्यानन्द जी मुनिराज। 16. महासती चन्दना, उत्तराध्ययन सूत्र टिप्पण, वीरायतन, संस्करण, 1972, पृ. 429 । 17. कैलाशचन्द्र जैन, लॉर्ड महावीर एण्ड हिज टाइम्स, मोतीलाल बनारसीदास, दिल्ली, 1974, पृ. 34-371 18. श्री अजित प्रसाद जैन, शोधादर्श-44, पृ. 58-59 । 19. डॉ. शशिकान्त, वही, पृ. 17। ___ उपर्युक्त सभी विद्वानों ने एक स्वर से विदेह देश में मौजूद वैशाली के समीपवर्ती कुण्डपुर (कुण्डलपुर, कुण्डग्राम) वर्तमान वासोकुण्ड को भगवान् महावीर का जन्मस्थान माना है। .. श्वेताम्बर सम्प्रदाय के कुछ लोग लिछुआड़ (जो अंग देश में था) को भगवान् महावीर की जन्मभूमि मानते हैं, जो शास्त्रीय दृष्टि से मान्य नहीं है। उसी परम्परा के प्रसिद्ध विद्वान् 00 32 प्राकृतविद्या-जनवरी-जून '2002 वैशालिक-महावीर-विशेषांक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003216
Book TitlePrakrit Vidya 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajaram Jain, Sudip Jain
PublisherKundkund Bharti Trust
Publication Year2001
Total Pages220
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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