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चालीसा
नाप जपे मंगल सब होई।
संशय इसमें करइ न कोई।। आपके नाम का जाप करने से सब प्रकार का मंगल होता है।
इसमें किसी प्रकार का संदेह नहीं करना चाहिए।
पुत्रहीन जो आतुर भाई।
सबै छांडि पूजें एहि माई।। जो पुत्रहीन हो और पुत्र प्राप्ति के लिए आतुर हो, वह सभी देवी-देवताओं को छोडकर इस माता की पूजा करे।
करै पाठ नित यह चालीसा।
होय पुत्र सुन्दर गुण ईसा।। जो भी इस सरस्वती चालीसा का नित्य पाठ करता है, उसके
घर में सुंदर तथा सर्वगुण सम्पन्न पुत्र पैदा होता है।
धूपादिक नैवेद्य चढावै।
संकट रहित अवश्य हो जावै।। उसे धूप-दीप, नैवेद्य आदि चढाना चाहिए, इससे वह अवश्य
संकट-रहित हो जाता है।
भक्ति मातु की करै हमेशा।
निकट न आवै ताहि कलेशा।। जो सदैव माता सरस्वती की भक्ति में लीन रहता है, उसके
समीप दुख-क्लेश कभी नहीं आता।
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