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________________ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास ] [मुख्य १ घटनाओं का समय १ भगवान महावीर निर्माण सम्वत् वर्ष गणधर इन्द्र भूति-गोतम स्वामी को केवल ज्ञानोत्पन्न , गणधर सौधर्म स्वामी को शासन नायक पद , प्राचार्य स्वयंप्रभसूरि केशी श्रमणाचार्य के पट्टधर पार्श्वनाथ परम्परा के निग्रन्थगच्छ का नाम विद्याघरगच्छ हुमा गणघर इन्द्रभूति की मोक्ष-गोतम स्वामी की मोक्ष गणधर सौधर्म स्वामी को केवल ज्ञानोत्पन्न होना वैशाल के राजा चेटक का पुत्र शोभनराय कलिंग में जाकर वहाँ का राजा बना गणधर सौधर्म स्वामी की मोक्ष और जम्बु स्वामी संघ नायक पद पर जम्बु स्वामी को केवल ज्ञानोत्पन्न होना शिशुनाग वंशी राजा कूणिक के पद पर राजा उदाई का राज प्राचार्य स्वयंप्रभसूरि का पूर्व से मरुधर में आना और श्रीमाल. पद्मावती नगरी में नये जैन बनाये आर्य शय्यंभव भट्ट का जन्म विद्याधर रनचूड़ की नन्दीश्वर द्वीप की यात्रा रत्रचूड़ विद्याधर ५०० के साथ में स्वयंप्रभसूरि के पास दीक्षा ( मूर्ति साथ में रखकर ) आचार्य स्वयंप्रभसूरि का पद त्याग रत्नप्रभसूरि को प्राचार्य पद-गच्छनायक __ मगध के सिंहासन पर अनुरुद्ध का राज्याभिषेक शिशुनाग वंश राज का अन्त और नन्दवंश के राजाओं का राज प्रारम्भ , यशोभद्रसूरि का जन्म आचार्य जम्बुस्वामी की मोक्ष दशबोल का विच्छेद आचार्य प्रभवस्वामी संघ नायक प्राचार्य पद प्रारम्भ श्रार्य संभूति विजय का जन्म आचार्य रत्नप्रभसूरि ५०० मुनियों के साथ उपकेशपुर में पधारे उपकेशपुर के राजा मंत्री और लाखों वीर क्षत्रियों को जैनधर्म की दीक्षा नूतन जैनों का संगठन एवं 'महाजन संव' संस्था का जन्म उपकेशपुर और कोरंटपुर नगरों में महावीर मन्दिरों की एक मुहूर्त में प्रतिष्ठा आचार्य प्रभव स्वामी का पद त्याग और शय्यंभवसूरि संघ नायक राजा उत्पलदेव का बनाया पहाड़ी पर के पाव मन्दिर की प्रतिष्टा उपकेशपुर से उपकेशगच्छ और कोरंटपुर से कोरंटगच्छ नामकरण उपाध्याय वीरधवल को श्राचार्य पद और यक्षदेवसूरि नाम श्राचार्य रत्नप्रभसूरि का शत्रुञ्जय तीर्थ पर स्वर्गवास संघ ने विशाल स्तूप बनाया आचार्य यशोभद्र सूरि की दीक्षा प्राचार्य यक्षदेव सूरि गच्छ नायक पद पर प्रारूद भ० महावीर के बाद ८४ वर्ष का शिलालेख अजमेर के अजायबघर में , आचार्य भद्रबदु का जन्म ८४ Vy For Private & Personal Use Only Jain Education International MSRKbrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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