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वि० सं० ८६२-६५२]
भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
* ለ
वासा ने
तातेड़
जैता ने
,, महावीर
सेठ
डुगा ने
११-खेरीपुर के श्रीमाल जाति के । माल्ला ने भ० शान्तिनाथ का म०प्र० १२-सोतलपुर के श्रीमाल
मेराज ने ,, विमलनाथ १३-पद्मावती के प्राग्वटा ,
सज्जन ने ,, धर्मनाथ १४-रातगढ़ प्राग्वटा
,, अजितनाथ १५-मालगढ़ के प्राग्वटा
ईसर ने , आदिनाथ १६-आरडी
पासु ने ,, भ० आदिनाथ का १७-मोटा गांव के देसरड़ा १८-क्षत्रीपुरा के श्रेष्टि
रामा ने १६-लुद्रवा के चोरलिया
बाला ने २०--कानोड़ी कोठारी
पैरू ने
,, पार्श्वनाथ २१-काकपुर के
रूघा ने २२-खारोली के सेठिया
जाला ने २३-पाटली के पल्लीवाल
करण ने ,, नेमिनाथ २४-गोदाणी के पांमेचा
,, सीमंधर २५-हंसावली के अग्रवाल
भोला ने अष्टापद २६-मेदनीपुर के चौहाना
साहरण ने , महावीर २७-फलवृद्धि के बोहरा
सन्तु ने २८-महमापुर गुदगुदा
देदा ने २६-देवपटण भरंट
पांचा ने ३०-सोपारपटण के कनौजिया
सेला ने ,, पार्श्वनाथ ३१-सुधा पाटण के डिडू
धरण ने
, शान्तिनाथ ३२-करोली के महासेणा ,
देसलने ३३-भंजाणी के टाकलिया ,, ___अज्जड़ ने मल्लीनाथ ३४-मोहलीगाव के डांगीवाल,
नोंधण ने , नेमिनाथ ३५ -सुरपुर के हिंगड़
____ अर्जुन ने , चौमुखजी पूज्याचार्य देव के ६० वर्षों के शासन में संघादि शुभ कार्य १-नागपुर के चोरड़िया शाह सिंहाने शत्रुजय का संघ निकाल यात्रा की २-मुग्धपुर के श्रेष्टि जाति , भोजाने ३-हडमानपुर के भटेवरा ,
करमणने ४-पलिहकापुरी के रांका-सेठ
नरसिंगने ५-नारदपुरी के जाघड़ा
हाल्लाने ६-शिवपुरी के संचेती
कैसाने ७-किराटकूप के कनौजिया
लाधाने ८-भरोंच
प्राग्वट -सोपार के पोकरण १०-वीरपुर के भूतिया
राणाने १३६८
सूरीश्वरजी के शासन में संघादि कार्य Jain Education International
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