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________________ वि० सं० ७२४ से ७७८ ] [ भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास साद्धाने "सुचंति चापाने गान्धी कर्माने ८-कोठरा के संधी भधरने पार्श्वनाथ म०प्र० ९-काबी गोलेचा नेमिनाथ १०-देदोलिया विरहट मालाने श्रादीश्वर ११-पाटडीगांव महावीर १२-भट्टनगर ,, बलाहरांका खुमाणने , १३-भारोटिया श्री श्रीमाल सांगाने १४-लौद्रवपुर , कुलहट कोकाने १५-भंभुलिया , प्राग्वट रणधीरने पार्श्वनाथ १६-नागपुर प्राग्वट हरपालने " १७-छीन्नाई प्राग्वट शाहमाढ़ाने , १८-श्राघाटनगर विमलने मल्लिनाथ १९-माण्डवगढ़ आदित्य शान्तिनाथ २०-उज्जैन बपनाग मालाने धर्मनाथ २१-हालापी नाहटा देवाने पार्श्वनाथ २२-मानपुरा , कुमट खीवसीने , २३-चन्द्रावती " बोहरा रामाने महावीर २०-सारंगपुर वीरमने २५-लावाणी , कनोजिया भोजाने २६-विजयपट्टण , देसरड़ा मालाने २७-हाथाणी , वैनाला रामाने भाविजिन २८-बलीपुर , श्रेष्टि पार्श्वनाथ २९-शिवनगर रावतने ३०-मालपुरा ३१-नारायणपुर श्रीमाल पोमाने ३२-हसावली पोलाने महावीर ३३-- दयालपुरा , डिडु पुनडने सीमंधर ३४-भीमासर , तप्तभट्ट धरमणने महावीर , , सूरीश्वरजी के ५४ वर्षों का शासन में संघादि शुभ कार्य १-शिवपुरी के प्राग्वट राघाने शत्रुजय का संघ २-नाडुली राडाने ३ -- उपकेशपुर , आदित्य गौ० मोणाने ४-नागपुर "बप्पनाग सांगण ने 111uill11111111111111111 " लघुश्रेष्टि वालाने , मोरख श्रीमाल लुबाने प्राग्वट "प्राग्वट के शासन में समानary.org ११२६ Jain Edua e rnational सूरीश्वरजी के शासन में संपादि For Private & Personal use Only www.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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