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________________ आचार्य सिद्धसूरी का जीवन ] [ ओसवाल मं० १००१-१०३१ " श्री माल मोहज " शान्तिनाथ __ " महावीर हाप्पो ११-जैसाली प्राग्वट अज्जने ___ भ० महावीर १२-ब्रह्मपुर वीरहट रावलने १३-लौद्रवापुर , श्री श्री माल , सादरने १४-भवराणी नोदाने पाश्वनाथ १५-भोजपुर प्राग्वट लुबो १६-देवाटी प्राग्वट लाला १७-गुडगीरी प्राग्वट हरदेव नेमिनाथ १८-तोलसी श्रीमाल सहजपाल १९-करजण रांका शान्तिनाथ २०-भीमाली चोरलिया देसल २१-आलोट चरड भासल २२-डामरेल दूघड नॉघण २३-राटी तप्ताभट्ट खेमो २४-मथुरा वाप्पनाग २५--सोजाली प्राग्वट , देदो २६-दादोली " अप्रवाल शंकर पार्षनाथ " सूरीश्वरजी के २६ वर्षों के शासन में संघादि शुभ कार्य१-कोरंटपुर के श्रीमाल नंदा ने शत्रुजय का संघ निकाला २-चन्द्रावती के प्राग्वट भोलाने ३-डामरेल के श्रेष्टि गौ० नारायण ने ४-लोहाकोट के मंत्री ठाकुरसी ने सम्मेन शिखर का संघ ५-मथुरा के बप्पनाग टीलाने शत्रुजय का संघ ६-आघट के सुचंति लाखणने उपकेशपुर का संघ ७-उज्जैन के श्री श्रीमाल मालाने शत्रुजय का संघ ८-भद्रेसर के श्रीमाल अजसी ने ९-उपकेशपुर के भद्र नरसीने १०-शाकम्मरी के पल्लीवाल कुम्बाने ११-मालपुर के पल्लीवाल हंसाने १२-सोपार के लघुप्रेष्टि थेराने । १३-चर्पट के चरड़ दुर्गा की पत्नी ने तलाब खुदाया १४-शंखपुर के दूधड़ अज्ज की विधवापुत्री राखीने तलवा १५-क्षत्रीपुर के चोरडिया रणदेव युद्ध में काम आय......सती पाचार्य श्री के शासन में यात्रार्थ संघ १०६१ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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