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________________ वि० सं० ५५८ से ६०१ ] ९- अर्जुनपुरी के वीरहट० भोमाने १०० - विराटू " भूरि० देवाने ११ - सोनाणी १२ - मादड़ी १३ - मोकाणा १४ - शिवगढ़ १५--- चन्द्रावती १६ - पद्मावती १७ -- पांचाड़ी १८ - पद्मावती १९ - कलावणी २०--करणावती २१ - विजापुर २२ - चारोणी २३ - सोजाली २४ - रहतगढ़ २५ - श्राभापुरी २६ - थंभोर २७- पासाली २८ - कोठरो,, २९- अरहट ३० - नागपुर 39 " प्रग्विट सबलाने ,” 33 १०२२ Jain Education International " 19 19 19 प्राग्वट नागदेव ने 99 " कुलइट नारायणने प्राग्वट० रामा ने 99 39 " प्राग्वट जसा ने भष्टि० गांगाने "" सप्तभट्ट० लालाने का० पद्मा ने ਜੋ 97 प्राग्वट० पुरा प्राग्वट देसल ने श्रीमाल ० कु पा ने पल्लोवाल फागुने मंत्री मेहराने श्रष्टगुणाढ्ने वीरहट गोल्हा ने "} " भाद्र० पुनड़ने भूरि० केटराने कनोजिया कल्हण १ - डमरेल का मंत्री राजसी ने २ - सोपारपतन का सुचंति शाह टीलाने ३ – चन्द्रावती का प्राग्वट खुमाण ने ४ - चित्रकोट के मंत्री सुरजराने ५- आघाट नगर के चिंचट नारायण ६ - मथुरा का श्रेष्टि शाह सहजपाल ने ७ - कोरटपुरका श्रीमाल देव ने ने ८ - माढव्यपुर के मंत्री लालाने ९ - भरोंच से श्रीमाल धारसी ने "" "" " [ भगवान् पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास भ० शान्तिनाथ मन्दिर की प्रतीष्ठा 33 39 99 भ० महावीर 99 "" 79 99 33 " 99 99 "" "" 33 33 "" " " 33 29 19 पार्श्वनाथ 39 नेमिनाथ विमलनाथ पार्श्वनाथ "" 37 39 महावीर "" "" 39 99 "" बीस बिहरमान 33 "" "" " श्रादीश्वर " महावीर "" 59 33 सम्मेत शिखरका जा "" 37 37 33 "" For Private & Personal Use Only 57 "1 "" " लघु ष्टि० चोखाने " प्राग्वट रावल ने 19 पूज्याचार्य श्री के ४३ वर्ष के शासन में संघा दि सद्कार्य शत्रुंजय का संघ निकला 39 29 99 39 9 99 39 39 "" 93 "" "" "" 99 39 " " "9 39 99 31 "9 39 39 59 99 " 33 99 19 33 " " 72 13 " 39 19 99 29 "9 39 19 99 39 39 सूरिजी के शासन में संघादि सद्कार्य www.jainelibrary.org
SR No.003212
Book TitleBhagwan Parshwanath ki Parampara ka Itihas Purvarddh 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatnaprabhakar Gyan Pushpamala Falodi
Publication Year1943
Total Pages842
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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