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भगवान पार्श्वनाथ की परम्परा का इतिहास
ParasurANAVRANVANATAPATRAWAT TATARAMIRRIVINATANTRA
Ramayanmummy
स्थुलिभद्र कैसा वैश्या के साथ सुख से रहता है। .
पृष्ठ ३२१
स्थुलिभद्र वैश्या और मंत्री पद को ठुकरा कर दीक्षा ली और वैश्या के वहां चतुर्मास कर उसको प्रतिबोध दिया
राजानन्द की सभा में श्रियक अपने पिता शकडाल
को तलवार से मारडाला पृष्ठ ३२३
रथिक ने अंबलं तोड़ना और वैश्या का
सरसप पर नत्य करना पृष्ठ ३२७
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