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स. चन्द्रगुप्त क दीपक दान " " राज महल बनाना स. अशोक सांची की यात्रा प्रोफेसर कर्न का मत राजा तरंगिणो का मत डॉ. कनिंगहोम का मत जगचिन्तामणि का चैत्य वन्दनमें मारवाड़ का साचौर चीनी यात्री का भारत में आना धारा का पं. धनपाल सत्यपुरी में सांची के स्तूप जैनों का तीर्थ है सांची के कटघरों पर शिलालेख म. महावीर का निर्वाण पूर्व दिशा पावापुरी का अर्थ स्थापनगरियां भी होती है शा. त्रि० ले का मत्त प्रमाण भारहूत-स्तूप १००१ चम्पा नगरी जैन तीर्थ म. महावीर का केवल कल्याण कौशलपति प्रसेनजित द्वारा । चम्पा में महावीर की रथयात्रा सम्राट कूणिक का स्तूप-शिलालेख शाह निकले. के मत्तानुसार अमरावती-स्तूप १००२ दक्षिण-महाराष्ट्र प्रान्त बेनाकटक की राजधानी अमरावती में थी चक्रवर्ति महाराजा खारबेज की दक्षिण देश की विजय के उपलक्ष में विजय महा चैत्य बनाया विस्तृत शिलालेख में भी० शाह त्रि.ले०का मतानु. गुफा-प्रकरण १००४ श्रमण संस्कृति श्रमणों का जंगल में रहना योग साधना और कब्धियां
गुफाएं बनाने के कारण Jain Education International
गुफाओं को प्राचीनता
चूनावा की शिल्पकला एवं चित्रकला
राजगृह की धर्म एवं श्रमणों के नाम की गुफाएं
३६-आचार्य ककसूरी १००७ दो-दो तीन-तीन मंजिज की गु०
(सं. ५५८-१०१) गुफाओं की संख्या बढ़ने का कारण
| आचार्य ककसूरी गुफाओं में मूर्तियों और मन्दिर
दुकाल का बुरा प्रभाव भारत में जनसंहार दुकाल
मेदिनीपुर नगर गुफाओं के साधु नगर में
उपकेशवंशियोंका व्यापार पुरातत्व की शोध खोज
शाह करमण श्रष्टि गौत्रीय कलिंग की खण्डगिरि पहाड़ी में सेकड़ों
धर्म परायण माता मैना गुफाओं और बहुत से शिल लेख भी है
एकादशपुत्रों में विमलविहार में नागार्जुन की गुफाएं
न.गपुर सुचेती-नोदा पंच पहाड़ की गुफाएँ
तीर्थों का संघ की भायोजन गिरनार को गुफाएँ
देवा का ताना-विमल की भावना शत्रुक्षय पर्वत में भी गुफाएँ थी बरार खान देश की पर्व श्रेणि
मेदिनीपुर में सिद्धति में भी बहुत गुफाएँ है
चतुर्मास का निर्णय पीपकनेर पातलखेडा की गु०
विमल द्वारा शत्रुजय का संघ
। देवा का सवाल विमल की उदारता अजंटा की प्रसिद्ध अंजनेरी की गु मूर्तियां भी है,
दुःखी पळद का दश्य-सरिजी
विमल का सगल भाकाइ की सप्तसात- , चांदादी की पहाड़ी में गु० मूर्तियां वैराग्य चार प्रकार के त्रिगनवाड़ी-गु• मूर्तियाँ
विमल कों वैग्य नासिक गुप्र०-भ. राम का मन्दिर
कुटम्बियों का भाग्रह चामरलेन में गु० मू.
तीर्थ पर विमलादि की दीक्षा मागी-तुंगा पहाड़ की गुफाएँ
श्री पाल को संघपति पदार्पण पुना जिल में जैन-बोद्ध गुफाएँ विनया सुन्दर नाम करण करेली ग्राम के पास जैन गुफाएँ विनयसुन्दर का ज्ञानाभ्यास सत्तारा लिा में भी बहुत गुफाएँ है नागपुर के भद्रगौ० गोल्हा का मसोत्सव घूमलवाड़ी गुफा-पार्श्वमूर्ति
पूर्वक विनय सरिपद-कक्कसरि ऐवल्ली जैन गुफाएँ मन्दिर
दो नाम भण्डार रत्न. यक्ष वादामी की प्रसिद्ध गुफाएँ है
चयवास और शिथिलता हेनुसंग की गुफाएँ
सूरिजी जावळीपुरी में जोलवा को
श्रमण सभा सूरि क उपदेश धाराशिव को
श्राद वर्ग को भी दो शब्द ऐल्लुरा की
जावलीपुर में चतुर्मास दोलताबाद की
भठारह नर नारियों की दीक्षा सेतवा की
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