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॥अईम्॥ जगत्पूज्य गुरुदेव-श्रीविजयधर्मसूरीश्वरेभ्यो नमः ।
हस्तिनापुर अपने देश के नाम 'भारतवर्ष से प्रायः सभी लोग परिचित हैं। सामान्य ख्याति यह है कि 'भारतवर्ष नास दुष्यन्त के पुत्र भरत के कारण पड़ा है, परन्तु भागवत पुराण में कहा है कि स्वायम्भुव मनु के पुत्र प्रियव्रत थे, प्रियव्रत के पुत्र अग्नीध्र, अग्नीध्र के पुत्र नाभि और नाभि के पुत्र ऋषभ थे, ऋषभ वासुदेव के अंश थे और इनमें सौ पुत्र थे, इन सौ पुत्रों में ज्येष्ठ भरत थे, इन्हीं भरत के नाम से 'भारतवर्ष' नाम पड़ा। १ भागवतपुराण के इस मन्तव्य को वसुदेवहिडि से भी १. प्रियव्रतो नाम सुतो मनोः स्वायंभुवस्य यः ।
तस्थाग्नीध्रस्ततो नाभिऋषभस्थ सुतः स्मृतः ॥ तमाहुर्वासुदेवाशं मोक्षधर्मविवक्षया । अवतीर्ण सुतशतं तस्यासीद् ब्रह्मपारगम् ॥ तेषां वै भरतो ज्येष्ठो नारायणपरायणः । विख्यातं वर्षमेतद्यन्नाम्ना भारतमुत्तमम् ॥ भागवत, स्कन्ध ११, अध्याय २.
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