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के सम्बन्ध में लाला हजारीमल जी जौहरी विशेष ध्यान देते थे वर्तमान में बाबूमल जौहरी जैन दिल्ली की ओर से कमेटी को समय समय पर सहायता देते रहते हैं।
इस ही क्षेत्र के निकट दो कोस के अन्तर पर एक भरमा ( वसुम्था) नामक ग्राम है । इस ग्राम में दिगम्बरों का एक प्राचीन मन्दिर जीर्णावस्था में है जिस में एक प्रतिमा खड्गासनस्थ विराजमान है ।
ऊपर जिस टीले का वर्णन आया है वह विदुरटीला नाम से प्रसिद्ध है, इस पर एक छोटा सा शिवमन्दिर है जिसे पण्डुकेश्वर महादेव कहा जाता है। इस के अतिरिक्त द्रौपदीकुण्ड, बारहकुण्ड, रघुनाथ जी का महल ( यहां १८५७ की क्रान्ति में रघुनाथ जी नायके तथा उनके साथियों ने आश्रय लिया था ) आदि अन्य स्थान भी दर्शनीय हैं। यहां खोदने से चौड़ी इंटें प्राप्त होती हैं। क्योंकि अभी तक पुरातत्त्वविभाग ने इस स्थान की खुदाई नहीं कराई, इस लिये इस दृष्टि से इस पर विशेष प्रकाश डाल सकना सम्भव नहीं है । आशा है पुरातत्त्व विभाग यहां की खुदवाई करवा के प्रकाश डालेगा।
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