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तीर्थ माला संग्रह
बें पीतल मई बिब सोहावइ विमल प्रभु मनभावे सित्तर जिन गुरण गावें जि० To 11811 तिणें एकसो चोपन जिनराया ऋषभ देवना प्रणमुपाया दरणाय वाडें सिव सुखदाया जि० ॥ ५ ॥ धंधोलीइं संभव जिन साचो वंदित्र्यन जिनमन माचो ए जिनवरमा साचो जि० ॥६॥
दोय शत दस प्रतिमा पासें सोवन जास सरीर सात
प्रतिमा गुरण गंभीर जि० ॥७॥ दोय शत दस प्रतिमा पासे श्रीसप्त फरगो जिन पासें पुरें मन केरी आस जि० ॥८॥ खारी वावि श्री जिनवर्द्धमांन तेर प्रतिमा गुणह निधांन जिन नाम कोडि कल्याण जि० ॥ ॥ तिहांथी पंचा सरोवास वंद्या मन धरीऽधिक उल्लास पोहति मनकेरी आस जि० ॥ १० ॥ कधी चैत्य प्रवाडी सोसार मनवां धरी हरष अपार जिन नमतां जय-जय कार जि० ॥ ११ ॥
ढाल:
जिनजो धन-धन दिन मुझ आजुनो वंद्याश्री जिन राजहो, जिनजी काज सरयां सवि माहरां पाम्युं अविचल राजहो जिनजी धन० ॥ १ ॥
जिनजी पंचाणं नई माझने श्री जिनधर प्रसाद हो, जिनजी भाव घरी भक्त वंदिरं मुकीमन विषवाद हो निजी धन-धन दिन० ||२||
जिनजी जिननी बिंब संख्या सुगो माझने तेर हजार हो जिनजी पाँच से त्रहोत्तर वंदीइं सुख संपति दातार हो
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देहरा सर श्रवणे सुण्यां पंच सयां सुख कार हो जिनजी तिहां प्रतिमा रली ग्रामणी माझने तेर हजार हो
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जिनजी धन-धन० ॥ ३॥
जिजी धन - धन० ||४||
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