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तीर्थ माला.संग्रह घीया पाडामां दोय देहरां शांतिनाथ पार्श्वनाथ एक सो विस
नईतेर प्रतिमा मुगति पुरी नो साथरे भ० ॥६॥ एकसो छन्नु ऋषभ जिणंदसु प्रतिमा कटकीय वंदी धोली परव
मां ऋषभ मुनिसुव्रत छेतालीस चिर नंदीरे भ० ॥१०॥ ढाल:पारिख जगुना पाडा मांहि टांकलो पास विराजेंजी प्रतिमा चौत्रीस
चतुर तुम वंदो दालिइ दुखने भाजेजी महिमा
___ जगाहिं गाजेंजी ॥१॥ किया बोहराना पाडामां शीतल प्रतिमा तिम पंचवीसरे
खेत्रपाल पाडामांहि शीतलनाथ न मुनि स दिसजी ॥२।। जिहां जिनवर छे बिंसे एकाणूं तिहाथी कोके जइयेंजी। त्रिण में नेऊ प्रतिमासु कोको पारस नाथ पाराहूँजी ॥३॥ अभिनंदन देहरें च्यार प्रतिमा दोय प्रासाद जिहां वंघाजी। Tढेर सामल कलि कुंड पासजी नमतां पाप निकंदाजी ॥४॥ एकसो त्र्यासी प्रतिमा रुडी त्र्यासी जिनवर्द्ध मांनजी। महिताने पाडें मुनिसुब्रत सित्तर जिनवर धानजी ॥५॥ बिसे चौराणू बिंब सहित श्री शांतिनाथ प्रासाद जी। वरवार तणा पाडामां वांदु मुंकी मन विषवाद जी ॥६॥ दौसत में सित्तर जिन प्रतिमा वांदीये अभिराम जी। गोदउ पाडें ऋषभ ने देहरई छन्नु बिंब इणि ठामजी ॥७॥ ढालसालीवाडे त्रि सेरीया मांहि नेमी, मल्लि ऋषभ नमु त्यांहि । नव पल्लव नमु उच्छाहिं जिणेसर ताहरागुण गाऊँ जिभ
मन वंछित सुख पाऊं जिन० ॥१॥ साठि उपर शत तिम च्यार बीजई देहरें श्री शांति जुहार
बिंब प्रोगण सठि उदार जि० ॥२॥ कलार वाडें देहरा दोय शांति बिंब एकावन दोइ बावन
जिनायला जोय जि० ॥३॥
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