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________________ १८ सूरीश्वर और सम्राट्। हाथीसे नीचे गिर पड़ा। उसकी फौज भाग गई। अकबरकी जीत हुई । फिर अकबरने जा कर दिल्ली और आगरे पर अधिकार किया और बेखटके वह अपने बापकी गद्दी पर बैठा । . अकबर गद्दी पर बैठा उस समय भारतवर्षकी हालत बहुत ही खराब थी। करीब करीब सब जगह अव्यवस्था और अराजकताके चिह्न दिखाई देते थे । आर्थिक दशा लोगोंकी खराब थी। इसके कई कारण थे । एक कारण तो यह था कि-जिस देशकी राजकीय स्थिति ठीक नहीं होती है-अव्यवस्थित होती है उस देशकी आर्थिक हालतको जरूर धक्का लगता है। दूसरा कारण यह था कि,-सन् १९९५ और ५६ ईसवीमें लगातार दो बरस तक अकाल पड़े थे। तीसरे लड़ाइयाँ हो रही थीं इससे आगरा, दिल्ली तथा इनके आसपासके सब प्रदेश उजड़-वीरानसे हो गये थे। अकबरने, सिंहासनारूढ़ होने पर देशकी हालत सुधारने और अपने पिताके समयमें जो प्रान्त चले गये थे उनको वापिस लेनेकी ओर ध्यान दिया । कारण-उस समय भारतके भिन्न भिन्न प्रान्त स्वतंत्र हो रहे थे। जैसे काबुल । यद्यपि यहाँका राज्य अकबरके भाईके नामसे होता था; परन्तु वास्तवमें तो वह स्वतंत्र ही था । बंगाल । यह अफगान सर्दारोंके अधिकारमें था और दो सौ से भी ज्यादा वर्ष पहिलेसे वह स्वतंत्र हो गया था। राजपूतानाके राज्य । ये जबसे बाबर हारा १ हेमूकी मृत्युके संबंधमें भी भिन्न भिन्न मत हैं। अहमद यादगारने लिखा है कि," अकबरके हुक्मसे बहरामखाँने हेमूके सिरको उसके अपवित्र शरीरसे जुदा किया था ।” अबुलफजलने फैजीसरहिन्दीने ओर बदाउनीने लिखा है कि,-" अकबरने हेमू पर शस्त्र चलानेसे इन्कार किया इसलिए बहरामखाने उसका (हेमूका ) सिर काट डाला ।" Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003208
Book TitleSurishwar aur Samrat Akbar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherVijaydharm Laxmi Mandir Agra
Publication Year
Total Pages474
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size22 MB
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