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सूरीश्वर और सम्राट् ।
जिस भाँति कस्तूरीकी सुगंधसे यह मंडल सुवासित हुआ है वैसे ही मेरे पुत्रकी यश रूपी सुगंधसे यह पृथ्वी सुवासित - मोअत्तिर होगी ।
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अकबरकी जन्मतिथिके संबंध में विद्वानोंके दो मत हैं । कई कहते हैं कि, अकबर ई. स. १९४२ में १५ अक्टूबर रविवार को जन्मा था; मगर विन्सेंट. ए. स्मिथ कहता है कि, -- “ यद्यपि अकबर ई. स. १५४२ में २३ नवम्बर गुरुवारहीको जन्मा था, तथापि पीछे से उसका जन्म दिन १५ अक्टूबर रविवार प्रकट किया गया था । इसी तरह उसका नाम भी बदल दिया गया था । यानी ' बदरुद्दीन महम्मद अकबर ' के बजाय उसका नाम ' जलालुद्दीन महम्मद अकबर प्रसिद्ध कर दिया गया था । " इसका प्रमाण वे यह देते हैं कि, जिस समय अकबरका नाम रक्खा गया था उस समय हुमायुंका विश्वस्त सेवक जौहर वहीं मौजूद था । उसने अपनी डायरीमें अकबर के जन्मकी तारीख, बार और पूरा नाम लिखा है। उससे हमारे कथन की पुष्टि होती है। चाहे सो हो, प्रसिद्धि में तो अकबरका पूरा नाम जलालुद्दीन महम्मद अकबर और उसकी जन्म तिथि १९ अक्टूबर रविवार सन् १९४२ ही आये हैं। अस्तु । बड़ोंकी बड़ाईमें कुछ विचित्रता तो होनी ही चाहिए ।
उपर्युक्त कथनसे यह मालूम हो गया कि अकबर बाबरका पोता था । बावर तैमूरलंग-जो तुर्क था - की पाँचवीं पीढ़ीमें था । इस तरह अकबर पितृपक्ष में तुर्क था और तैमूरलंगकी सातवीं पीढ़ीमें था ।
अकबर पाँच बरसका हुआ तभीसे हुमायूँने उसकी शिक्षाका प्रबंध किया था। प्रारंभ में अकबरको पढ़ानेके लिए जो मास्टर रक्खा
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