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________________ ६३७ चतुस्त्रिंशःस्तम्भः। करनेकी रुचि है, उसका नाम क्रियारुचि है, ।८। जिसने कुदृष्टि मिथ्यामत ग्रहण नहीं करा है, और जो जिनप्रवचनमें कुशल नहीं है, और जिसने कपिलादि मत उपादेयकरके ग्रहण नहीं करे हैं, तथा जिसको परदर्शनमात्रका भी ज्ञान नहीं है, ऐसें संक्षेपरुचिवाला जानना. ।९। जो जीव धर्मास्तिकायादिके धर्म, गत्युपष्टंभकादि स्वभावको और श्रीजिनेंद्रके कहे श्रुतधर्म और चारित्रधर्मको श्रद्धे, सोधर्मरुचिवाला जानना. । १० । ऐसें निसर्गादि दशप्रकारका रुचिरूप दर्शन कहा.॥अब जिनलिंगचिन्होंकरके, सम्यगदर्शन उत्पन्न हुआ जानीये, निश्चय करीए, वे लिंगचिन्ह दिखाते हैं. ॥ वहुमानपुरस्सर जीवादि पदार्थोंके जाननेवास्ते अभ्यास करना; जिनोंने जीवादि पदार्थोंका स्वरूप अच्छीतरेंसें जाना है, उनकी सेवा करनी, अर्थात् यथाशक्ति उनकी वैयावृत करनी; जिनकी जैनेंद्र मार्गकी श्रद्धा भ्रष्ट हो गई है, ऐसे जो निन्हवादि, और कुदर्शन मिथ्या श्रद्धावाले शाक्यादिक, उनको वर्जना, अर्थात् उनोंका संग परिचय न करना; इन लिंगोंकरके सम्यक्त्व है, ऐसा श्रद्धीये. ॥ इस दर्शनके आठ आचार है, वे सम्यक्प्रकारसे पालने योग्य है. यदि उनका उल्लंघन करे तो, दर्शन (सम्यक्त्व)का भी अतिक्रम उल्लंघन होवे हैं; वे आठ आचार येह है. । निःशंकित शंकारहित होवे. शंका दो तरेंकी है; एक देशशंका, और दुसरी सर्वशंका; देशशंका जैसे सर्व जीवके समान जीवत्वके हुए भी, फिर कैसे एक भव्य है, और दूसरा अभव्य है? और सर्व शंका, प्राकृतनिबद्ध होनेसें सकलही यह प्रवचनकल्पित होवेगा. । यह देश और सर्वशंका करनी उचित नहीं है; जिस कारणसे यहां शास्त्रोंमें दो प्रकारके पदार्थ कहे हैं. एक हेतुसे ग्रहण होते हैं, और दूसरे विनाहेतुके ग्रहण होते हैं. जीवास्तित्वादि जे हैं, उनके सिद्ध करनेवाले प्रमाणके सद्भाव होनेसें, वे हेतुग्राह्य हैं. और अभव्यत्वादि अहेतुग्राह्य है, अस्मदादिकोंकी अपेक्षाकरके उनके साधक हेतुयोंके अभाव होनेसें, उनके हेतु प्रकृष्ट ज्ञानगोचर होनेसें; और प्राकृतमें जो प्रवचनका निबंध है, सो बालादिकोंके अनुग्रहार्थे है. ॥ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003207
Book TitleTattvanirnaya Prasada
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAtmaramji Maharaj
PublisherAmarchand P Parmar
Publication Year1902
Total Pages878
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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