________________
१३
पृष्ठ
कटक, कुंडलादि चढाने से जिनमुद्रा बिगडती है, ऐसी आशंकाका उत्तर ५८३ प्रतिमाको अन्य कुच्छ भी वस्तु नही जडनी चाहिये इसका द्रव्य
संग्रहकी वृत्तिसें उत्तर
૧૮૧
....
चंदनादिका लेपन नही करना इसका उत्तर, भावसंग्रह, त्रैलोक्यसार, राजवार्त्तिक इत्यादि दिगंबरीय शास्त्रोंसें जिनप्रतिमाको लिंगका आकार करना चाहिये ऐसे दिगंबरोंके
Jain Education International
....
दुराग्रहका उत्तर
....
....
स्नान, विलेपन, पुष्प, वास, दीप इत्यादि इक्कीस प्रकार से भगवानका पूजन, नाटक, करना चाहिये, चंदन विना पूजा नही होती इत्यादि, दिगंबरमतके जो शास्त्रों में हैं उनके नामादि वर्णन वसुपाल राजाने श्री पार्श्वनाथजीकी प्रतिमाको लेप करवाया इत्यादि आराधनाकथाकोषका पाठ प्रतिष्ठापाठ, नंदीश्वरपूजा, पूजासार जिनसंहिता, त्रिवर्णाचार, श्रीपाल चरित्र, निर्वाणकांड, षट्कर्मोपदेशरत्नमाला, आराधनाकथाकोप, जिनयज्ञकल्पप्रतिष्ठाशास्त्र, व्रतकथाकोष, ब्रह्मविलास, श्रावकाचार, षड्विधपूजाप्रकरण आदिशास्त्रोंका पाठ, जिसमें कर्पूरसे, केसर से अष्टद्रव्यसें पूजा, विलेपन, पुष्पकी दृष्टि, स्नान, पुष्पमाला, दीपक आदि करनेका अधिकार है... तेरापंथी दिगंबरीयोंको उत्तरजिनप्रतिमा, जिनभवन बनवानेका फल, पूजाका न्यारा २ फल,
8.00
6660
48.4
00.0
षड्विधपुजामकरण से
6444
....
गंगाजल, मोती, कल्पवृक्ष के पुष्पादिसें पूजा करना लिखा है, अन्यसें नहीं, ऐसी तेरापंथीयोंकी आशंकाका उत्तर प्रतिष्ठादिनको वर्जके और दिनमें पूजा नहीं करनी चाहिये, ऐसी
4.4.
9000
bhoo
4.4
आशंकाका उत्तर तश्वार्थसूत्रावचूरिमें शीतकालादिमें कंबलादि मुनि ग्रहण करे लिखा है चनसारवृत्ति में उपधिके भेदका वर्णन
....
0000
6426
भावसंग्रह उपकरण विचार, मूलाचार में साधुकी उपाधिका प्रकट
6814
alod
कथन, बोधपाहुडकी वृत्तिका पाठ परमात्मप्रकाशकी टीका में घासकी चादर आदि उपकरणका वर्णन राजवार्त्तिकका उपकरण विषयक पाठ haarat कबलाहार, चलना, धर्मोपदेश देना इत्यादि दिगंबरीय शास्त्रोंसे सिद्ध किया तिसका वर्णन
....
[!
....
For Private & Personal Use Only
****
....
4440
५८४
५८६
५८८
५८९
५९० ६०२
६०४
६०६
६०७
६०९
६०९
६१०
६११
६१२
६१४
www.jainelibrary.org