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जैनशास्त्रोंमें गृहस्थीके संस्कारोंका वर्णन नहीं है. इसवास्ते माननीय
नहीं है ऐसी आशंकाका उत्तर .... .... .... .... .... ३१० (१३) त्रयोदश स्तंभ-जैनके १६ संस्कारों से गर्भाधान संस्कारवर्णन-३१९-३२९
आचार वर्णनका प्रयोजन .... .... ... .... .... .... ३१९ दो प्रकारके आचारका वर्णन .... .... साधुके और गृहस्थीके धर्मका अंतर, ग्रहस्थीका प्रथम व्यवहार
धर्म इत्यादि .... .... .... .... .... .... सोलां संस्कारके नाम .... .... .... .... संस्कार कराने योग्य गृहस्थ गुरुका खरूप, तथा मास दिनवार नक्षत्रशुद्धीका वर्णन .... .... .... .... .... .... .... .... ३२३ गर्भाधान संस्कारका विधि ....
३२४ शांति देवीका मंत्र, ग्रांथ योजन मंत्र, आर्यवेदमंत्र, आशीर्वाद देनेका काव्य, ग्रंथिवियोजन मंत्र .... आर्यवेदोत्पत्ति, महान, ब्राह्मण उत्पत्ति, अनार्य वेदोत्पत्ति, इत्यादि ३२८ प्रथम संस्कार में जो वस्तु चाहिये तिनका संग्रह .... .... .... ३२९
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(१४) चतुर्दश स्तंभ-पुंसवन संस्कारका वर्णन ....
...... .... .... ३२९-३३१ मासदिनादि शुद्धिका वर्णन पुंसवनका विधि, वेदमंत्र .... .... .... ३३० वस्तुका संग्रह .... .... ... .... .... .... ....
(१५) पंचदश स्तंभ--तीसरा जन्मसंस्कारवर्णन ..... ....
.... ३३१-३३४ जन्मसमय गृहस्थ गुरु और ज्योतिषी एकांत स्थानमें
स्थिति रहे इत्यादि वर्णन .... .... जन्मक्षण जानना, गुरु ज्योतिषको वस्त्राभूषण देना, आशीर्वाद ईत्यादि ३३२ बालकको स्नान करानेका जलयंत्र, रक्षाभिमंत्र.... ....
.... .... .... ३३३ वस्तुसंग्रह. कष्टनिवारणका विधि .... .... .... .... ....
(१६ ) षोडश स्तंभ--चोथा, मूचंद्रदर्शन संस्कार
सूर्यवेद मंत्र पूर्वक सूर्यदर्शन वर्णन .... .... .... .... .... चंद्रवेदमंत्र " " .... .... .... .... .." वस्तुसंग्रह .... .... .... .... .... .... .. ....
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