________________
अनुमोदन-अभिनन्दन
तपगच्छगगनदिनपति पूज्यपाद आचार्यदेवेश
श्रीमद्विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजा की दिव्याशिष व सुविशालगच्छाधिपति पूज्यपाद आचार्यदेव
श्रीमद्विजय महोदयसूरीश्वरजी महाराजा की आज्ञा से प्रशांतमूर्ति पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजय नित्यानन्दसूरीश्वरजी महाराजा
वात्सल्य महोदधि पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजय महाबलसूरीश्वरजी महाराजा
प्रवचन प्रदीप पूज्यपाद आचार्यदेव श्रीमद्विजय पुण्यपालसूरीश्वरजी महाराजा तथा
___तपस्वीरत्न पूज्य मुनिराज श्री कमलरत्नविजयजी महाराज
आदि पूज्य विशाल (ठा. १२) मुनिगण का सं. २०५० की साल में अनेकविध धर्मानुष्ठान-अनुमोदनीय तपश्चर्या और मोक्षामार्गानुसारि प्रवचनों से सभर जो ऐतिहासिक व अविस्मरणीय चातुर्मास, श्री सुरेन्द्रनगर जैन श्वे.मू.पू. संघ - आराधना भुवन | के आंगण में हुआ, इनकी अनुमोदनार्थ अपने संघ के ज्ञानद्रव्य की आय में से इस ग्रन्थ का समुद्धार करने के लिए आर्थिक संपूर्ण सहयोग देकर
श्रुतभक्ति का अमूल्य लाभ लेनेवाले श्री झालावाड जैन श्वे.मू.पू. ट्रस्ट संघ- सुरेन्द्रनगर का
हार्दिक अनुमोदन और अभिनन्दन !!!
पार्धाभ्युदय प्रकाशन - अहमदाबाद
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org