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२५. जब दीक्षा देते हो तब पहिले ईरियावहि पडिक्कमा के सब श्रावकों के
पास वंदना करा के पीछे दीक्षा देते हो, सो किस ? २६. चादर सफेद तो चोलपट्टा मलिन और चोलपट्टा सफेद तो चादर मलिन,
सो किस शास्त्रानुसार ? २७. किसी साधु के काल किये की खबर आवे अथवा कोई ढूंढिया साधु काल
कर जावे तो चार लोगस्स का काउसग्ग करते हो, सो किस शास्त्रानुसार ? २८. खडे हो कर काउसग्ग करते हो तब दो हाथ लंबे कर के और बैठ के
करते हो तो दोनों हाथ इकट्ठे कर के, करते हो, सो किस० ? २९. पोतीया बन्ध बनाना और उस का ओधा बिना कपडे रखना, साधु के
वेषमें फिरना और मांग कर खाना, सो किस० ? २०. पूज्यजी महाराज जी कहना, किस शास्त्रानुसार ? ३१. पूज्य पदवी के वक्त चादर देनी, किस शास्त्रानुसार ? ३२. चोलपट्टे के दोनों लड़ (किनारे) घघरे की तरह सी कर अगले पासे चिन
कर, पहिरते हो, सो किस शास्त्रानुसार ? ३३. बडी दीक्षा देनी तब दशवैकालिक का छजिवणिया अध्ययन सुनाना,
किस शास्त्रानुसार ? ३४. जब पूज्य पदवी देते हो तब चादर के किनारे पकड़ने वाले चारों जनों
को एक एक विगय का या चीज का त्याग कराते हो, सो किस० ? जंगल जाते हुए जिस में पात्रा रखते हो, सो पल्ला रखना, किस
शास्त्रानुसार ? ३६. रात्रि को शिर ढक के बाहिर निकलना और दिन में प्रभात से ही खुले
शिर फिरना, सो किस शास्त्रानुसार ? ३७. धोवण वगैरह पानीमें से पूरे वगैरह जीव निकलें, तो उस को कूपवगैरह
के नजदीक गिल्ली मिट्टी में डालते हो कि जहां कच्ची मिट्टी तथा निगोद
वगैरह का भी संभव होता है, सो किस० ? ३८. जब गृहस्थी के घर गौचरी जाना तो चोर की तरह घर में प्रवेश करना
और निकलना तब शाहुकार की तरह निकलना कहते हो, सो किस
शास्त्रानुसार ? ३९. आठ पहर का पोसह करे तो २५. व्रत का फल कहते हो, सो किस
शास्त्रानुसार ? ४०. दया पाले तो दश व्रत का फल बताते हो, सो किस० ?
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