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जिनमंदिर करा ने से तथा जिनप्रतिमा भरा ने से १२ वें देवलोक जावे ११० श्रीनंदिसूत्र में सर्व सूत्रों की नोंध है साधु या श्रावक श्रीजिनमंदिर न जावे तो दंड आवे इस बाबत श्रीमहाकल्पसूत्र के पाठ सहित वर्णन
११६ जेठमल्ल के लिखे ८५ प्रश्नों के उत्तर
१२० ढूंढियों को कुछ प्रश्न
१३१ सूत्रों में श्रावकों ने जिनपूजाकरी कहा है इस बाबत
१३३ सावध करणी बाबत
१३६ द्रव्यनिक्षेपा वंदनीय है
१३९ स्थापना निक्षेपा वंदनीय है
१४० शासन के प्रत्यनीक को शिक्षा देनी
१४१ वीस विहरमान के नाम
१४२ चैत्य शब्द का अर्थ साधु तथा ज्ञान नहीं
१४३ जिनप्रतिमा पूज ने के फल सूत्रोंमें कहे हैं
१४७ महिया शब्द का अर्थ
१४८ छीकाया के आरंभ बाबत
१४९ जीवदया के निमित्त साधु के वचन
१५१ आज्ञा सो धर्म है इस बाबत
१५३ पूजा सो दया है इस बाबत
१५४ प्रवचन के प्रत्यनीक को शिक्षा कर ने बाबत
१५७ देवगुरु की यथायोग्य भक्ति कर ने बाबत
१५८ जिनप्रतिमा जिनसरीखी है इस बाबत
१५९ ढूंढकमति का गोशालामती तथा मुसलमानों के साथ मुकाबला १६१ मुंह पर मुहपत्ती बंधी रखनी सो कुलिंग है
१६४ देवता जिनप्रतिमा पूजते हैं सो मोक्ष के वास्ते है
१६६ श्रावक सूत्र न पढे इस बाबत
१६६ ढूंढिये हिंसाधर्मी हैं इस बाबत
१७० ग्रंथ की पूर्णाहुति
१७३ ढूंढक पंचविशी
१७५ सवैये
१७७ सुमतिप्रकाश बारह मास
१७८ संदर्भ ग्रंथ की सूचि
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