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सोरठा रामबख्श के साथ शेरू जाती बानिया लुदहानेवास बार मास सठ भाषियो। उलट ज्ञान की रीत जब हम वो अवणे सुनी जो सूत्र की रीत तब हम भाषा ये करी।
॥ इति श्रीसुमतिप्रकाश-बारह मास संपूर्णम् ॥
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