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________________ ११६ -- साधुओं को बन्दन करना तो सूत्र में कहा है ?,, ११७ - किस सूत्र में कहा है कि पूजा से मोक्ष होती है ? ११८ - सूत्र उववाइजी मैं हियाए इत्यादि कहा है ? १९१९ - पूजा से मोक्ष कहा हो तो आप ही बतलाइये ?.. १२० - यह तो केवल फल बतलाया है पर० -- 29 के २९ वा अध्ययन में ? १३८ - उत्तराध्यान सूत्र १३९ - जम्बुद्वीप पन्नति सूत्र में २६९ पर्वत० १ Jain Education International " 39 १२१ - द्रोपदी की पूजा हम प्रमाणिक नहीं मानते हैं ? २७१ १२२ - यह तो लग्न प्रासंग में की थी ? १२३ - सुरियाभ तो देवता था ? 33 १२४ - सम्यग्दृष्टि देवता में चौथा गुण स्थान है ?,, १२५ - तेरहवां चौदहवां गुणस्थान ? १२६ - श्रद्दा तो एक ही है ? "" १२७ -- यह तो हम नहीं कह सकते हैं कि भगवान् ? १२८ - नाटक की प्राज्ञा क्यों नहीं दो ? १२९ --- भगवान् और भश्मग्रह ? "" "" १३० - प्रतिक्रमण छोटा और बड़ा ? २३१ - ऐसे तो हम भी कह सकते हैं ? १३२ -- क्या साधुओं के व्याख्यान में श्रावक सा० ? १३३ - आचारांग सूत्र में हिंसा करने वाले को ० ९३४ - प्रश्नव्याकरण सूत्र और हिंसा० ? १३५ - हम तो संसार के लिये हिंसा करते हैं ! १३६ - उपासक दशांग सूत्र और आनन्द श्र० ? १३७ -- ज्ञाता सूत्र के २० बोलों में ? 9 For Private & Personal Use Only 34 " "" "" "" "" 33 39 99 "" 93 28 "" 99 39 95 २७० 99 २७२ 37 93 २७२ २७३ 99 " २७६ २७६ २७९ २८० ૨૮૨ २८२ 19 २८३ " २८४ www.jainelibrary.org
SR No.003204
Book TitleMurtipooja ka Prachin Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundarvijay
PublisherRatna Prabhakar Gyan Pushpmala
Publication Year1936
Total Pages576
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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