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परिशिष्ट काल्पनिक एवं मिथ्या समझ मुंहपत्ती के डोरे को तोड़ शुद्ध सनातन मार्ग का अवलम्बन कर स्वपर का कल्याण करना ही अच्छा समझा और समझते हैं। इतना ही क्यों पर इस कार्य करने वालों की शुभ नामावली और कतिपय चित्र हम श्रीमान् लोकाशाह के जीवन पर ऐतिहासिक प्रकाश नाम की पुस्तक में दे दिये हैं उस को देखें और पढ़कर असत्य का त्याग और सत्य को स्वीकार करें । यही हार्दिक शुभ भावना है।
॥ इति ॥
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