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मूर्तिपूजा का प्राचीन इतिहास
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प्राचीन जैनाचार्य के हाथ में मुँहपत्ती
雨雨區
600 500 500 500 500
SAAR
ચિત્ર પર સાધુ, સાધ્વી અને શ્રાવિક
पहिला चित्र गणधर सौधर्मास्वामी और उनके शिष्य जम्बू स्वामी का है। ईडर के ज्ञान भण्डार की प्राचीन प्रत पृष्ट १०९ से यह चित्र लिया गया है । वह प्रति ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत प्राचीन और महत्व की है ।
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दूसरा चित्र आचार्य कालिकसूरि और राजा ध्रुवसेन का है इसी ध्रुवसेन राजा के कारण कालकाचार्य ने चोथ की संवत्सरिकी थी जिसको आज करीबन १५०० वर्ष हुए हैं। यह चित्र भी पूर्वोक्त ईडर की प्राचीन प्रत से लिया गया है ।
कॉपी राईट श्री साराभाई नवाब.
වහ්ම මනල
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Desese solo period
Odowo
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