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बान्धी, और न आपकी संतान आज पर्यन्त बांधती है सं०१७०८ में लवजीर्षि ने डोरा डाल मुहपर
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इन चारों के आदि पुरुष लोकाशाह ही हैं न तो आपने कभी मुहपत्ती
मुहपत्ती बांधीथी जिसमें जो मतभेद है वह चित्र से देख सकते हैं।
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लौंकामत के साधु | स्था० देशी साधु । साधमार्गी प्रदेशी सा |
तेरह पंथी साधु