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पाट परम्परा का अनुसन्धान
सुखकन्दी ॥
७ ॥ जि०
मैं मतिमन्द ही बाल रमण ज्यों, निज गुण कथन करंदी || ४ || जि० तपगच्छ मुनि यति विजयसिंह वर, सत्यविजय गणि नन्दी || ५ || जि० कर्पूर क्षमा जिनोत्तम सद्गुरु, पद्म रूप ६ ॥ जि० कीर्ति विजय कस्तूर सुहंकर, मणि विजय श्री गुरु बुद्धि विजय महाराजा, कुमति कुपंथ शिखी युग + अंक' इन्दु शुभ वर्षे, पालीताणा सुरंगी ॥ ६ ॥ जि० विमलाचल मंडन पद मेटी, तन मन अधिक उमंगी ॥ १० ॥ जि० आत्माराम आनन्द रस पीनो, जिन पूजन शिव संगी ।। ११ ।। जि०
निकन्दी ॥
८ ॥ जि०
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पदवन्दी ॥
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