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________________ ३१० नवयुग निर्माता पड़े हुए आचार्य पदवी के सिंहासन को पुनः सुशोभित होने का पुण्य अवसर प्राप्त हुआ। दूसरे शब्दों में आचार्य पदवीका प्रसुप्त पुण्य फिर से जाग उठा । सूरि पद प्रदान करने के अनन्तर श्री संघ ने आपको श्री विजयानन्द सूरि इस नाम से सम्बोधित करते हुए आपश्री के वरद करकमलों में शासन की बागडोर संभलादी । आचार्यपद पर प्रतिष्ठित होने के बाद शासन सेवा के उत्तरदायित्व को आपश्री ने किस प्रकार और किस योग्यता से निभाया । यह आपकी पुण्य श्लोक जीवन गाथा [ जिसमें आपके कार्यों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है ] का स्वाध्याय करने वाले पाठकों को भली भांति विदित है । बहुत समय के बाद [ लग भग दो सदी ] सम्पन्न होने वाले आचार्य पदवी के इस प्रतिष्ठा महोत्सव में उपस्थित सद्गृहस्थों में भरुच के रईस सेठ अनूपचन्द मलूकचन्द भी थे । उन्होंने अपने "प्रश्नोत्तर रत्न चिन्तामणि " ग्रन्थ में प्रसंगवश आपश्री की इस आचार्य पदवी का जिकर इन शब्दों में किया है यथा " गुणवंत को आचार्य पदवी देनी । अभी १६४३ के कार्तिक वदि पंचमी के रोज मुनि महाराज श्री आत्मारामजी महाराज को श्री सिद्धाचलजी के ऊपर बहुत देश के श्रावक साधुओं ने मिल एक मता करके गुणवान जानकर उन्होंको सूरि पद दिया गया था, मैं भी वहां हाजर था $ ।” आपश्री की आचार्य पदवी के समय वहां पर उपस्थित जनता के अन्दर जो उत्साह देखने में आया वह अपनी कक्षा का एक ही था। जिन लोगों ने इस समारोह को देखा उनमें इस जीवन गाथा का लेखक भी था जो कि उस समय अन्य स्वरूप में था । भारतवर्ष के गण्यमान्य जैन गृहस्थों ने आपश्री को आचार्य पद पर प्रतिष्ठित करते समय अपनी सद्भावना को जिन महत्व पूर्ण शब्दों में व्यक्त किया था वे आज भी कानों में गूंज रहे हैं । इस प्रकार समस्त भारतवर्ष के मूर्ति पूजक श्वेताम्बर जैन समाज की तर्फ से आपको अर्पण की गई आचार्य पदवी आपके सहयोग को प्राप्त करके उत्तरोत्तर अधिक से अधिक फली फूली जिसका सम्पूर्ण श्रेय पालीताणा में उपस्थित जैन सद्गृहस्थों की दीर्घदृष्टि और विचारशीलता को ही प्राप्त है । $ पृष्ट १९४ आवृत्ति दूसरी । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003203
Book TitleNavyuga Nirmata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayvallabhsuri
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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