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________________ २२ - पूज्यजी साहब से भेट २३- पूज्यजी साहब के आदेश का सत्कार २४ - श्री रामबक्षजी से वार्तालाप २५- तुम नहीं मिलने का नियम लो २६ - नियम के प्रकाश में मिलाप २७ - साधु कन्हैयालाल का भाग्योदय और पूज्यजी का ज्वर प्रलाप २८ - प्रत्यक्ष सहयोग २६ - साम्प्रदायिक संघर्ष, प्रत्यक्ष रूप में ३० - जिन चौबीसी की रचना ३१ - वेष परिवर्तन का विचार ३२- मुखवस्त्रिका (मुंहपत्ती) का परित्याग ३३ - अहमदाबाद के सेठों का सद्भाव प्रदर्शन ३४- बिहार यात्रा में तीर्थ यात्रा ३५ - पूर्व स्वा ३६ - श्री शांतिसागर का पराजय ३७ - श्री सिद्धाचल की यात्रा के लिये ३८-पीली चादर ३६ - सद्गुरु की शोध में ४० - आत्माराम से आनन्द विजय ४१ - मार्मिक सदुपदेश [ श्रा ] ४५ - जोधपुर पधारने की विनति ४६ - पुन: पंजाब को ४७ - शिष्य परिवार में वृद्धि ४८ - संगति का फल ४६ - पंडित श्रद्धाराम से भेट ५० - अस्त में उदय की रेखा ५१ - प्रायश्चित के लिये आवेदन ४२ - अहमदाबाद का चातुर्मास (शांतिसागर से धर्मचर्चा) ४३- भावनगर के राजासाहब से मिलाप और वेदान्त की चर्चा ४४ - संघ के साथ पुनः तीर्थ यात्रा Jain Education International GORG .... .... For Private & Personal Use Only 1200 www 2000 .... १४४ ५४६ १५५ १६० १६२ १६४ १६६ १६८ १७१ {u १७४ १७६ १७८ १८२ १८४ १८८ १६० १६४ १६६ १६७ २०१ २१० २११ २१३ २१४ २१५ २१७ २२० २२२ www.jainelibrary.org
SR No.003203
Book TitleNavyuga Nirmata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayvallabhsuri
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year
Total Pages478
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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