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बिहार यात्रा में तीर्थ यात्रा
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जोड़कर महाराज श्री आत्मारामजी से कहा महाराज! आप श्री ने हम लोगों पर जो उपकार किया है उसके लिये हम आपके भवभव में ऋणी रहेंगे । आप श्री के पुण्य सहवास से हमारा मानव भव सफल हो गया ! हमारा यह किसी विशेष पुण्य का उदय है जो आप जैसे महापुरुष का सहयोग प्राप्त हुआ है ! ऐसा कहते २ श्री विश्नचन्दजी के नेत्र सजल हो उठे और आपके [श्री आत्मारामजी के चरणों में गिर पड़े। बाकी के साधुओं ने भी आप श्री के चरणों में मस्तक रखकर अपनी हार्दिक कृतज्ञता को मूकभाषा में अभिव्यक्त किया।
तदनन्तर श्री आबूराज के पहाड़ पर से उतर कर श्री श्रआत्मारामजी पालनपुर में पधारे । पालनपुर गुजरात के पसिद्ध जैन क्षेत्रों में से एक है । श्री आत्मारामजी का आगमन सुनकर पालनपुर की जैन जनता हर्षातिरेक से वर्षाकालीन नदी के वेग की तरह उनके दर्शनों को उमड़ पडी, और नगर के बाहर जाकर उनका सहर्ष स्वागत किया । पालनपुर की जनता के अनुरोध से आप कुछ दिन वहां ठहरे और अपने सद्बोधपूर्ण उपदेश से जनता को कृतार्थ किया।
___पालनपुर से विहार करके आप भोयणी क्षेत्र में पधारे, वहां श्री मल्लिनाथ स्वामी के दर्शन करके ग्रामानुग्राम विंचरते और जिन मन्दिरों के दर्शन करते एवं वहां के श्रावक समुदाय को दर्शन देते हुए १६ साधुओं के साथ आपने गुजरात के सुप्रसिद्ध नगर अहमदाबाद में प्रवेश किया ।
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