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नवयुग निर्माता
का शुभाशीर्वाद तो इसमें सोने पर सुहागे का काम देगा, ऐसी अनुकूल परिस्थिति में सफलता ही सफलता है।
चौमासे की समाप्ति के बाद आपने तो सरसा की ओर विहार कर दिया और विश्नचन्दजी श्रादि ने लुधियाने की तर्फ प्रस्थान किया।
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