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________________ ( 16 ) - अध्याय-6 शाहजहां की धार्मिक नीति एवं जैन धर्म 136-138 अध्याय-7 उपसंहार 139-146 परिशिष्ट 147 148 149 153-154 15: 156-151 1. महाराणा प्रताप का श्री हीरविजयसूरिजी को पत्र 2. खम्भात में विजयसेनसूरिजी की पादुकाएं वाले पत्थर का लेख सूर्यसहस्त्रनामस्तोत्रम् . "श्रमण" शब्द का पूर्ण विवरण विजयदेवसूरिजी का महाराणा जगतसिंह पर प्रभाव . कच्छ में मोटी खाखर के देरासर का शिलालेख (मुनि विवेकहर्ष का कच्छ के राजा भारमल पर प्रभाव) K जहांगीर बादशाह का विजयदेवसूरिजी के नाम पत्र 8. स्मिथ के पत्र का हिन्दी अनुवाद १./मुगल बादशाहों द्वारा जैन साधुओं को दिये गये फरमान 10. शिलालेख सन्दर्भित ग्रन्थ सूची 15: 161 161-17 176.19 193.20 श्रीमति राजाबाई कोठारी ने अपने पति स्वर्गीय श्री सौभागमल जी कोठारी की स्मृति में पुस्तक के छपाने में आर्थिक सहायता दी। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003201
Book TitleMugal Samrato ki Dharmik Niti
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNina Jain
PublisherKashiram Saraf Shivpuri
Publication Year1991
Total Pages254
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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