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प्रतिमा-पूजन
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प्रतिमा- पूजन की शास्त्रीयता, वैज्ञानिकता तथा बुद्धिगम्यता को सिद्ध करने वाली
प्रश्नोत्तरी १. प्रश्न-चार निक्षेपों के नाम और उनका स्वरूप क्या है ?
उत्तर-श्री अनुयोग द्वार सूत्र में शास्त्रकार महर्षि फरमाते हैं कि :"जत्थ यजंजाणेज्जा, निक्खेवं निक्खिवे निरवसेसं। जत्थ वि य न जाणेज्जा, चउक्कयं निक्खिवे तत्थ ॥१॥" ___ जहां जिस वस्तु में जितने निक्षेपा ज्ञात हों वहाँ उस वस्तु में उतने निक्षेपा करना और जहाँ जिस वस्तु में अधिक निक्षेपा मालूम नहीं हो सकें वहाँ उस वस्तु में कम से कम चार निक्षेपा तो अवश्य करने चाहिए। तात्पर्य यह है कि जगत् के तमाम द्रव्य, नौ तत्त्व, पांच परमेष्ठि तथा नौ पद, इन सभी में कम से कम चार निक्षेपा तो अवश्य उतारे जा सकते हैं ।
किसी भी वस्तु का स्वरूप जानने के लिये सामान्य रूप से कम से कम चार निक्षेपा तो अवश्य किये जाते हैं, वे इस प्रकार हैं :
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