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प्रतिमा की पूजनीयता के प्रमाण :
श्री जिन प्रतिमा जिस प्रकार वंदनीय है उमी प्रकार पूजनीय भी है। इसके लिये इन्हीं बत्तीस आगमों में निम्न प्रकार के प्रमाण मौजूद हैं :___ श्री रायपसेरणी सूत्र में श्री सूर्याभदेव द्वारा की हुई पूजा का विस्तृत वणन है। श्री सूर्याभ देवता परम सम्यग्दृष्टि, परित्तसंसारी, सुलभ बोधि और परम आराधक आदि है, ऐसा भगवान् ने स्वमुख से फरमाया है । . श्री ज्ञाता सूत्र में भवनपति निकाय के देवियों को जिन भक्ति की प्रशंसा की है।
श्री भगवती सूत्र में प्रभु के सामने इन्द्रादि द्वारा किये हुए नाटक की प्रशंसा है।
श्री जीवाभिगम सूत्र में श्री विजयदेव द्वारा किये गये नाटक की प्रशंसा है।
श्री ठाणांग सूत्र के चौथे ठाणे में श्री नन्दीश्वर द्वीप पर कई देवी देवताओं के पूजा भक्ति करने का वर्णन है।
श्री जंबूद्वीप प्रज्ञप्ति में श्री जिनेश्वरदेव की दाढ़े और अस्थिदंत प्रमुख अवयव, देवता भक्ति पूर्वक अपने स्थान पर ले जाकर पूजते हैं तथा अग्निदाह के स्थान पर प्रमुख स्तूप की रचना करते हैं, इसका स्पष्ट वर्णन है । ... श्री भगवती सूत्र के दसवें शतक के छठे उद्देशा में इन्द्र अपनी सुधर्मसभा में श्री जिन दाढों की पाशातना के वर्जन का वर्णन है। .
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