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(१७) जिनके विद्वत्तापूर्ण ग्रन्थों से वर्तमान विश्व भी चकित हो गया है, उन 'कलिकाल सर्वज्ञ' विरुद धारण करने वाले श्री हेमचन्द्राचार्य कृत श्री योगशास्त्र । ___ (१८) उन्हीं द्वारा रचित श्री त्रिषष्टिशलाकापुरुषचरित्र ।
(१९) पूर्वधरविरचित श्री प्रथमानुयोग । (२०) पूर्व चिरंतनसूरि कृत श्री श्राद्ध दिनकृत्य सूत्र । (२१) श्री वर्द्ध मानसूरि कृत श्री आचार दिनकर । (२२) श्री रत्नशेखर सूरिकृत श्री श्राद्धविधि । (२३) ,
श्री प्राचार प्रदीप । (२४) कक्कसूरिकृत श्री नवपद प्रकरण ।
(२५) श्री जिनभद्रगरिण क्षमाश्रमणकृत श्री विशेषाश्यक महाभाष्य ।
(२६) मल्लधारी श्री हेमचंद्राचार्य विरचित महाभाष्य वृत्ति (२७) मल्लधारी श्री हेमचंद्राचार्य कृत पुष्पमाला । (२८) श्री अभयदेवसरिकृत पंचाशकवृत्ति । (२६) श्री ज्ञातासूत्र। (३०) श्री ठाणांगसूत्र। (३१) श्री रायपसेणी सूत्र । (३२) श्री जीवाभिगम सूत्र । (३३) श्री महाप्रत्याख्यान सत्र। .. (३४) श्री महानिशीथ सूत्र । (३५) श्री देवसुन्दरसरिकृत सामाचारी प्रकरण । (३६) श्री सोमसुन्दरसूरिकृत सामाचारी प्रकरण ।
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