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________________ ६५ को देखकर प्रतिबोध प्राप्त किया था पर भाव बैल वंदनीय नहीं होने से उनके प्रतिबोध में कारणभूत बैल के नामादिक वंदन करने योग्य नहीं गिने गये। प्रश्न ३-स्त्री के चित्र वाले मकान में साधु को नहीं रहना चाहिए, ऐसा फरमान किस सूत्र में है ? उत्तर-श्रु त केवली प्राचार्य भगवान् श्रीमद् शय्यंभवसूरि महाराजा द्वारा रचित श्री दशवैकालिक सूत्र के आठवें अध्याय में फरमाया है कि जिसमें स्त्री की मूर्ति हो ऐसी चित्र वाली दीवार को नहीं देखना तथा अलंकारयुक्त अथवा अलंकाररहित स्त्री को भी नहीं देखना। अचानक दृष्टिपात हो भी जाय तो सूर्य को देखकर जिस प्रकार दृष्टि नीची कर ली जाती है उसी प्रकार दृष्टि नीची कर लेनी चाहिए। स्त्री का चित्र देखकर मोह उत्पन्न होता है। इसलिए उसका जिस प्रकार निषेध किया गया है, उसी प्रकार वीतराग परमात्मा की प्रतिमा के दर्शन से वीत-. राग दशा का साक्षात्कार होता है; अतः वीतराग अवस्था की प्राप्ति के अभिलाषी को भी वीतराग परमात्मा के सदैव दर्शन आदि करने की आवश्यकता बतलाई गई है। प्रश्न ४-स्त्री की मूर्ति देखकर प्रत्येक को काम विकार उत्पन्न होता दिखाई देता है, परन्तु प्रतिमा को देखकर वैराग्य भाव सभी को उत्पन्न होता हो ऐसा दिखाई नहीं देता है,. इसका क्या कारण है ? उत्तर- जिनको प्रतिमा पर द्वष अथवा दुर्भाव है उनको वीतराग की मूर्ति देखने पर भी शुभभाव प्रकट होना कठिन. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003200
Book TitlePratima Poojan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhadrankarvijay
PublisherVimal Prakashan Trust Ahmedabad
Publication Year1981
Total Pages290
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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