________________
स्वर्ग से भी ऊंचा
५७
किसी ने कहा-उसका धन माल जब्त कर देश से निकाल देना चाहिए।
खलीफा को किसी की बात पसंद नहीं आई। उन्होंने अपने शाहजादे से कहा-'प्यारे बेटे ! सब से अच्छा तो यह है कि तुम उसको माफ कर दो। क्योंकि जो दूसरों के सौ अपराध माफ करता है, भगवान उसके हजार अपराध माफ कर देता है। यदि तुम्हारे में इतना आत्मवल नहीं है, बदला लेना ही चाहते हो, तो जाओ, तुम भी उसे वही गाली दे सकते हो, जो उसने तुम्हें दी है । किंतु यदि बदले को हद से बाहर चले गए तो उसकी जगह तुम अपराधी हो जाओगे ।”
यह है क्षमा का आदर्श ! जो एक बादशाह के सिंहासन पर बैठकर भी गाली देने वालों को माफ करने की नसीहत देता है । अधिकार सम्पन्न होकर भी क्षमा की शिक्षा सुनाता है ।
Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org