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प्रतिध्वनि
इनसे । मेरे मधुर-शिशिर-स्वप्नों को भंग करदिया इन कम्बख्तों ने !"
तभी विचारक ने कहा-एक दिन तू भी पत्ता था और तब घास ने तिनके को तूने जो कठोर उत्तर दिया क्या वह भूल गया ? ___ अपने दुःख से जरा दूसरों के दुख की तुलना करके तो देख !
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