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प्रतिध्वनि
एक ऐसी बहरे-त्तबील (मधुर संगीत) गाऊँगा कि बेहोश न हो जाय।" जी-हजूरियों की मीठी बातें और शराब की मस्ती में छके मुहम्मद ने आक्रमण की सूचना को मजाक में उड़ादिया। और कुछ ही दिनों में नादिरशाह दिल्ली पर चढ़ आया । मुहम्मद उसके हाथों कैद में सियार की तरह बंद करके डाल दिया गया ।
विलासिता का यही विषेला परिणाम आता है।
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