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________________ विलास का विष १६५ निस्तेज एवं निर्वीर्य बनकर अपना अस्तित्व भी खो बैठे हैं। ___ भारत में हिन्दू राष्ट्र व राजाओं के पतन का और विदेशी आततायि-शक्तियों के चंगुल में फंसने का और क्या कारण था-सिवाय इस के ? और क्या कारण था मुगलशाही के सर्वनाश का ? . दिल्ली के सिंहासन पर जब मुहम्मदशाह रंगीले का शासन था, तो दिल्ली विलासिता की बाढ़ में आठ डूब रही थी। बादशाह के सामने रात-दिन शराब का दौर, सुंदरियों की पायल की छम-छमाछम चलती रहती ! वह जनता के सुख-दुख से वेपरवाह होकर बस रंगरेलियों में मस्त रहता। ___ दिल्ली को इस प्रकार विलासिता में डूबी देख कर नादिरशाह ने भारत पर आक्रमण किया । जब लाहौर से नादिरशाह के आक्रमण की सूचना दिल्ली पहुँची तो मुहम्मदशाह शराब पीकर बेहोश हो रहा था। गानावजाना और नाचना-बस इसी दौर में मदमस्त शाह से एक दरबारी ने आक्रमण की सूचना पर मजाक करते हुए कहा-“हजुर ! असल बात तो यह है कि लाहोर वालों के मकान इतने ऊँचे हैं कि उन्हें दूसरे मुल्क की लड़ाई भी अपने नजदीक में दिखाई देती है। दर असल कोई नादिरशाह-बादिरशाह इतनी हिम्मत नहीं कर सकता जो हजूर जैसे शाह का सामना कर सके।" एक गायक ने कहा-"यदि नादिर आ भी गया तो Jain Education InternationaFor Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.003199
Book TitlePratidhwani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year1971
Total Pages228
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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