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वीरों का भूषण में एक ग्वालिन दही का मंथन कर रही थी, मंथन करते समय वह इधर-उधर झूम रही थी । झूमती हुई ग्वालिन के कानों में मोती का आभूषण था । उसे विमल ने बाण से वींध दिया । जीवों की रक्षा करने वाला श्रावक कैसा धनुर्धर है, यह उसने प्रत्यक्ष बता दिया। __ युद्ध के मैदान में विमलशाह ने ऐसा वीरत्व दिखाया कि शत्रुओं के छक्के छूट गये। एक नहीं, अनेकों युद्धों में उन्होंने विजय-पताका फहराई। उन्होंने यह सिद्ध किया कि अहिंसा कायरों का नहीं, वीरों का भूषण है।
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