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राष्ट्र का गौरव प्रसन्नता की रेखाएँ चमकीं। जो स्व की चिन्ता को छोड़ कर सर्वजन की चिन्ता करता है वही महान् है। ऐसे ही व्यक्ति राष्ट्र के सच्चे गौरव हैं।
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