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बोलते चित्र
करना चाहता है। उसके पश्चात् तथागत जो कहें वह मुझे आकर कहना।
उस समय तथागत बुद्ध- गृध्रकूट पर्वत पर विचरण कर रहे थे । महामंत्री वर्षकार वहां पहुँचा । अभिवादन कर उसने अजातशत्रु का सन्देश सुनाया।
उस समय आनन्द को सम्बोधित कर तथागत बुद्ध ने कहा___ आनन्द, क्या तुमने सुना है-जब तक लिच्छिवी लोग किसी बात का निर्णय करने के लिए सम्मेलन करते रहेगें तब तक उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
'जब तक वे लोग एक मत होकर सम्मेलन-या बैठकें करते हैं, एक मत होकर उठते-बैठते हैं, अपना कर्तव्य पालन करते हैं, तब तक उनका कोई भी कुछ बिगाड़ नहीं सकता। __ जहाँ तक वे नियम और नीति-विरुद्ध कार्य नहीं करते, नियम और नीति को भंग नहीं करते, तब तक उनका कोई कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता।
जब तक वे वृद्धों का आदर व बहुमान करते हैं, उनकी आज्ञा के अनुसार चलते हैं तब तक उनका कोई कुछ भी बिगाड़ नहीं सकता।
जब तक वे पर-स्त्रियों पर व कुमारिकाओं पर कुदृष्टि नहीं डालते तब तक उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
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