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कुणाल की आंखें
३६ सम्राट् ने कुणाल की प्रार्थना पर महारानी को क्षमा कर दिया । तिष्यरक्षिता ने कहा-पुत्र ! तू मानव नहीं, देव है । मैंने भयंकर भूल की पर तूने विराट् हृदय का परिचय दिया।
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