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________________ बोलते चित्र दूसरे ने अपशब्द से उसका स्वागत किया । तीसरा उसे ठोकर मारकर हटाने का प्रयास करने लगा । ३० चतुर्थ स्नातक ने अपने साथियों से कहा- आप लोग इस प्रकार अमानवीय व्यवहार क्यों कर रहे हैं ? क्या गुरूजी की शिक्षा इसी प्रकार हवा में उड़ाने के लिए है ? गुरुजी ने अन्तिम शिक्षा दी थी कि गंदगी मिटाना, क्या आप लोगों ने उसका रहस्य नहीं समझा ? गंदगी को इधर से उधर फेक देना तो गंदगी को स्थानान्तरित करना है, मिटाना नहीं । आप आनन्द से जाइए, मैं तो पूर्ण स्वस्थ कर ही आगे बढ़ सकूंगा । तीन विद्यार्थी आगे बढ़ गये पर वह वहीं पर रुक गया । उसने रोगी का उपचार किया । नाना प्रकार की जड़ी बूटियाँ लाकर लेप किया। कुछ ही दिनों में रोगी पूर्ण स्वस्थ हो गया । उस विद्यार्थी की कीर्ति चारों ओर फैल गई । आज चारों ओर विषमता की गंदगी फैल रही है । प्रश्न यह है कि विद्यार्थी वर्ग गन्दगी को मिटाने का कार्य कर रहा है या बढ़ाने का ? Jain Education International For Private & Personal Use Only x www.jainelibrary.org
SR No.003198
Book TitleBolte Chitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendramuni
PublisherTarak Guru Jain Granthalay
Publication Year
Total Pages148
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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