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दौलत अंधी होती है तैमूरलंग एक अत्याचारी बादशाह था। वह युद्धप्रेमी होने के साथ संगीत प्रेमी भी था। जब वह युद्ध से थक जाता तब संगीत-कला का आनन्द लूटता था। एक दिन उसका मन किसी कार्य में नहीं लग रहा था। उसकी इच्छा हुई कि संगीत सुनकर मन बहलाया जाय ।
उसने अनुचरों को किसी अच्छे संगीतज्ञ को बुलाने का आदेश दिया। ___ अनुचर गये और उस प्रान्त की एक प्रसिद्ध गायिका को लेकर आये । गायिका अत्यन्त गरीब थी किन्तु उसके गले में ऐसा जादू था कि सुनने वाला मंत्र मुग्ध हो जाता था।
तैमूरलंग ने उसका गायन सूना, मुग्ध हो गया। उसने उसी समय उस वृद्धा गायिका को एक हजार रुपए का पुरस्कार दिया।
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