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परतन्त्र नहीं रह सकता रहा था, उस किले को ही अंग्रेजों ने तोड़ दिया और सैकड़ों युवकों को खत्म कर दिया। । उसी समय एक वृद्ध व्यक्ति भव्य-भवन में से बाहर निकला। उसकी आँखों में देशाभिमान का तेज चमक रहा था।
अंग्रेज अफसर ने पूछा-यदि तुम अपना घर और परिवार बचाना चाहते हो तो बताओ किस-किस ने इस कार्य में भाग लिया है।
वृद्ध ने कहा-घर चाहे कितना ही बढ़िया व मजबूत क्यों न हो किन्तु एक दिन गिरने वाला है। परिवार के सदस्य भी अमर बनकर नहीं आये हैं। मैं यह देखने के लिए नहीं आया हूँ और न तुमसे प्राणों की भीख मांगने ही आया हूं। मैं तो यह जानने के लिए आया था कि मेरे पाँच पुत्रों में से तीन पुत्र तो राष्ट्रध्वज की रक्षा करते हुए अमर हो गए हैं। यह मैंने अपनी आँखों से देखा है। किन्तु दो पुत्र युद्ध क्षेत्र में शहीद हुए हैं या तुम्हारे कारागृह में चले गये हैं ? ____ अंग्रेज अफसर वृद्ध की वीरोचित बात सुनकर स्तब्ध रह गया। उसके मन में यह विश्वास हो गया कि जहाँ के वीरों में ऐसी भावना है वह देश लम्बे समय तक परतंत्र नहीं रह सकता।
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