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:४२: संयम की आवश्यकता
एक पौराणिक आख्यान है कि असुरों ने अपने प्रबल पराक्रम से देवताओं को इक्कीस बार हराया और इन्द्र के सिंहासन पर आसीन हुए तथापि असुरों को स्वर्ग छोड़ना पड़ा। इस रहस्य को जानने के लिए देवर्षि नारद ब्रह्मा के पास पहुँचे और सनम्र प्रार्थना की कि भगवन् ! असुर एक बार नहीं इक्कीस बार विजयी हुए तथापि इन्द्रासन पर अपना अधिकार क्यों नहीं रख सके ?
ब्रह्मा ने रहस्य का उद्घाटन करते हुए कहानारद ! शक्ति से ऐश्वर्य पाया जा सकता है पर उसका उपभोग संयमी व्यक्ति ही कर सकता है। असंयमी व्यक्ति अधिकार और ऐश्वर्य को पाकर मदान्ध हो जाता है। इसलिये उपभोग करने के लिए भी संयम की आवश्यकता है।
संयम की आवश्यकता
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