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:३७ : प्रायश्चित्त
प्रेममूर्ति ईसा एक स्थान पर खड़े थे। कुछ व्यक्ति ईसा की परीक्षा लेने के लिए एक महिला को लेकर वहाँ पर आये और कहा—यह महिला व्यभिचारिणी है । मूसा के धर्मोपदेश की दृष्टि से इसके पापकृत्य से मुक्त कराने हेतु इसे पत्थरों से मारना चाहिए।
ईसा ने एक क्षण चिन्तन के पश्चात् कहा-मैं भी कहता है कि इसे पत्थरों से मारा जाय । पर वह व्यक्ति इसे मार सकता है जिसने जीवन में कभी भी पाप का सेवन न किया हो, जिसका जीवन पाप की कालिमा से मुक्त हो और धर्म की ज्योति से जगमगा रहा हो।
ईसा की बात सुनकर सभी चिन्तन करने लगे कि हमारा जीवन भी तो पापी है। हमने अपने जीवन में
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